मुंह का कैंसर: तंबाकू और गुटखा सेवन के खतरे


मुंह का कैंसर: तंबाकू और गुटखा सेवन के खतरे



परिचय



मुंह का कैंसर एक गंभीर और तेजी से फैलने वाली बीमारी है, जो आमतौर पर होंठ, जीभ, मसूड़ों, गले और मुंह के अन्य हिस्सों में विकसित होती है। इसका मुख्य कारण तंबाकू और गुटखा जैसी हानिकारक चीजों का सेवन करना है। भारत में यह कैंसर तेजी से बढ़ रहा है, खासकर उन लोगों में जो धूम्रपान, गुटखा, पान-मसाला और शराब का सेवन करते हैं। इस लेख में हम मुंह के कैंसर के कारण, लक्षण, और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे।



तंबाकू और गुटखा सेवन के खतरे



तंबाकू और गुटखा का नियमित सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है, जिनमें मुंह का कैंसर सबसे खतरनाक है। इनका सेवन करने से शरीर पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते हैं:



1. कैंसर का मुख्य कारण





2. मसूड़ों और दांतों को नुकसान





3. बोलने और खाने में कठिनाई





4. शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होना





5. चेहरे की बनावट पर प्रभाव





मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षण



मुंह के कैंसर को शुरुआती चरण में पहचाना जाए तो इसका इलाज संभव है। इसके कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:




  1. मुंह में बार-बार छाले या घाव जो ठीक न हों।

  2. होठों, जीभ या मसूड़ों पर सफेद या लाल धब्बे।

  3. मुंह खोलने या निगलने में परेशानी।

  4. बोलने में कठिनाई या आवाज में बदलाव।

  5. जबड़े या गर्दन में गांठ या सूजन।

  6. मुंह से लगातार खून आना।

  7. दांतों का अचानक गिरना या कमजोर होना।



मुंह के कैंसर से बचाव के उपाय



मुंह के कैंसर से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने आवश्यक हैं:



1. तंबाकू और गुटखा का पूरी तरह त्याग करें





2. स्वस्थ आहार लें





3. शराब का सेवन न करें





4. मौखिक स्वच्छता बनाए रखें





5. नियमित चिकित्सकीय जांच कराएं





निष्कर्ष



मुंह का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन तंबाकू और गुटखा जैसी हानिकारक चीजों से बचकर इसे रोका जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, नियमित जांच कराकर, और जागरूक रहकर हम इस घातक बीमारी से बच सकते हैं। अगर आपको कोई भी लक्षण नजर आए, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। याद रखें, समय रहते सावधानी बरतना ही सबसे अच्छा बचाव है।


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